agannath Das Ratnakar ka Jivan Parichay: जगन्नाथदास ‘रत्नाकर’ का जीवन परिचय बायोग्राफी, जीवनी, निबंध,अनमोल विचार, राजनितिक विचार, जयंती, शिक्षा, धर्म, जाति, मृत्यु कब हुई थी,आत्मकथा (Tulsidas Biography uotes, Biography in Hindi) (Jeevan Parichay, Jayanti, Speech, History, University, Quotes, Caste, Religion)
Jagannath Das Ratnakar ka Jivan Parichay: इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे जगन्नाथदास रत्नाकर का जीवन परिचय जो कि आपको बहुत ही आसान भाषा में समझ में आ जाएगा और आप जो भी जानकारी लेने के लिए आए हैं आपको सारी जानकारी मिल जाएगा तो इस आर्टिकल आप पूरा लास्ट तक जरूर पढ़ें
जगन्नाथदास ‘रत्नाकर’ का जीवन परिचय हिंदी में
agannath Das Ratnakar ka Jivan Parichay:
जन्म Birth | 1866 ई० |
मृत्यु death | 1932 ई० |
रचनाएँ compositions | काशी |
पिता father | पुरुषोत्तम दास। |
नौकरी job | अवागढ़ राज्य के खजाने के निरीक्षक, अयोध्या नरेश के सचिव, बाद में महारानी के सचिव |
भाषा Language | मधुर ब्रजभाषा, कोमल भावों के अनुकूल |
शैली Style | मुक्तक कवित्त सवैया शैली, अलंकारों की योजना में सिद्धहस्त |
काव्यगत विशेषताएँ | सरस सूक्तियों का प्रयोग, करुण रस का अनुपम वर्णन |
रचनाएँ poetic features | उद्धव-शतक, गंगावतरण, हरिश्चन्द्र, समालोचनादर्श, आदि |
जीवन परिचय | जीवन परिचय |
जगन्नाथदास ‘रत्नाकर’ का जीवन परिचय: Jagannath Das Ratnakar ka Jivan Parichay
jagannath Das Ratnakar ka Jivan Parichay: जगन्नाथदास रत्नाकर का जीवन परिचय जगन्नाथ दास रत्नाकर आधुनिक काल के ब्रजभाषा के सर्वश्रेष्ठ कवि जगन्नाथ दास रत्नाकर का जन्म काशी के एक प्रतिष्ठित वैश्य परिवार में 1866 ईसवी में हुआ था इनके पिता श्री पुरुषोत्तम दास भारतेंदु जी के समकालीन हिंदी काव्य के मर्मज्ञ थे वाराणसी के विंस कॉलेज में बीए की डिग्री प्राप्त करके अयोध्या नरेश के निजी सचिव नियुक्त हुए राज दरबार से संबंध होने के कारण इनका रहन सहन सामंती था 1932 में इसकी मृत्यु हरिद्वार में हुई
जगन्नाथदास ‘रत्नाकर’ का जीवन परिचय अपनी भाषा में
जगन्नाथ दास रत्नाकर का जीवन परिचय अपनी भाषा में समझे जगन्नाथदास रत्नाकर का जन्म 1866 ईसवी में काशी के एक प्रतिष्ठित परिवार में हुआ था और उनके पिता का नाम पुरुषोत्तम दास था और इसकी रचनाएं जो है वह काफी में हुई थी उस जगन्नाथदास रत्नाकर इसकी भाषा मधुर ब्रजभाषा और कोमल भावों को अनुकूल करता है इनकी रचनाएं भी हैं और इसकी भाषा शैली मुक्त कवि सवैया शैली अलंकारों का योजना में है और इसकी मृत्यु 1932 ईस्वी में हरिद्वार में हो गया था
जगन्नाथदास ‘रत्नाकर’ का साहित्यिक परिचय
jagannath Das Ratnakar ka Jivan Parichay: जगन्नाथदास रत्नाकर साहित्यिक परिचय इन्होंने माहिती सुधा निधि और सरस्वती की संपादन रसिक मुंडन के संचालन तथा काशी नगरी के प्रचार लिली सभा की स्थापना एवं उसके विकास में योगदान दिया इन्होंने पद के साथ गट्टू विद्या में भी साहित्य सृजन किया श्री कृष्ण के अन्य भक्त होने के कारण इनके काव्य में शक्ति भाव का सुंदर संदेश है
जगन्नाथदास ‘रत्नाकर’ का कृतियां
जगन्नाथदास रत्नाकर की कृतियां हिंडोला, समालोचना दर्शन, हरिश्चंद्र, गंगा लहरी, श्रृंगार लहरी, विष्णु लहरी, रत्ना अष्टक, उद्भव, सतत आदि
जगन्नाथदास ‘रत्नाकर’ का भाषा शैली
जगन्नाथदास रत्नाकर की कृतियां भाषा शैली उनके काव्य की भाषा प्रौढ़ साहित्यिक ब्रजभाषा है इनकी शैली चित्रात्मक और अलंकारिक है जो कि यह कभी बहुत अच्छे भी माने जाते हैं
हिंदी साहित्य में स्थान जगन्नाथदास रत्नाकर का
जगन्नाथदास रत्नाकर हिंदी साहित्य में स्थान रत्नाकर जी हिंदी फुल जगमगाते रत्नों में से एक हैं जिनकी आभा चित्रकार तक बनी रहेगी और अच्छे कवि के बीच में भी आते हैं
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जगन्नाथदास ‘रत्नाकर’ से (FAQ) जुड़े हिंदी में
Q :- जगन्नाथ रत्नाकर का जन्म कब हुआ था?
Ans :- 1866
Q :- जगन्नाथ दास रत्नाकर की रचना क्या है?
Ans :- जगन्नाथ दास रत्नाकर की रचना उद्धव-शतक, गंगावतरण, हरिश्चन्द्र, समालोचनादर्श, आदि
Q :- भक्ति रत्नाकर के लेखक कौन है?
Ans :- रत्नाकर
Q :- जगन्नाथदास रत्नाकर का जन्म स्थान कहां है
Ans :- काशी के एक प्रतिष्ठित वैश्य परिवार में
Q :- जगन्नाथदास रत्नाकर का मृत्यु स्थान कहां है
Ans :- हरिद्वार में हुई
Q :- जगन्नाथदास रत्नाकर का मृत्यु कब हुआ था
Ans :- 1932 ई०
Q :- जगन्नाथदास रत्नाकर का भाषा क्या है
Ans :- ब्रजभाषा के सर्वश्रेष्ठ कवि जगन्नाथ दास रत्नाकर
अगर आपको जगन्नाथदास रत्नाकर का जीवन परिचय आपको अच्छी तरह से समझ में आ गया होगा और आप जो भी जानकारी लेने के लिए आए थे वह जानकारी आपको मिल गया होगा अगर आपको यह आर्टिकल पसंद आए तो आप अपने दोस्तों के साथ शेयर कर सकते हैं ताकि वह भी जानकारी ले सके धन्यवाद