Surdas ka Jivan Parichay: सूरदास जीवन परिचय, बायोग्राफी, जीवनी, निबंध,अनमोल विचार, राजनितिक विचार, जयंती, शिक्षा, धर्म, जाति, मृत्यु कब हुई थी, शायरी, आत्मकथा (Surdas Biography uotes, urdas Biography in Hindi) (Jeevan Parichay, Jayanti, Speech, History, University, Quotes, Caste, Religion) Parichay, Biography, Parichay, Biography IN HINDI
सूरदास का जीवन परिचय: इस आर्टिकल में हमने आपको सूरदास के जीवन का परिचय बताए हैं जो कि आप को बहुत अच्छी तरह से पढ़ने में लगेगा और आपको समझ में आएगा और भी बहुत सारे जीवन परिचय लिखे हैं अगर आप उसको भी पढ़ना चाहते हैं तो आपको नीचे लिंक मिल जाएगा
सूरदास का जीवन परिचय: Surdas ka Jivan Parichay
Surdas ka Jivan Parichay in hindi: हिंदी साहित्य के सूर्य माने जाने वाले कृष्ण भक्ति शाखा के कवि सूरदास का जन्म 1470 ईस्वी में हुआ था इसके पिता पंडित रामदास आगरा के गांव रुनकता के निवासी थे उनके जन्म होने के विषय में मतभेद हैं प्रकृति तथा बाल मनोर वृत्तीय का जैसा सुंदर वरना सूरदास ने किया है वैसे कोई जन्म जन्मांध व्यक्ति नहीं कर सकता यह वल्लभाचार्य के रिश्ते वल्लभाचार्य जो जीने सूरदास के गोवर्धन पर श्रीनाथजी को सेवा में कीर्तन करने के लिए व्यक्त किया इनका स्वर्ग दास और 1583 ईस्वी में पारसोली नामक ग्राम में इनका मृत्यु हो गया
सूरदास का जीवन साहित्य परिचय
Surdas ka Jivan Parichay: महाकवि सूरदास हिंदी भक्त कवि में श्रेष्ठ माने जाते हैं इनकी काफी रचनाएं इतनी काव्य गन पूर्ण है कि आगे आने वाले कवियों के श्रृंगार एवं वाक्य पर आधारित रचना रचनाएं सूर्य की जूठन जान पड़ती है इनका का बिना भाव के और होते हैं उनके काव्य का प्रमुख लक्षण श्रीकृष्ण की सेवाओं का वर्णन करना है
Biography of Surdas in hindi
Biography of Surdas
सूरदास का जन्म कब हुआ था सूरदास का मृत्यु कब हुआ था सूरदास का जन्म स्थान कहां है सूरदास का मृत्यु स्थान का है सूरदास का पिता का नाम क्या है सूरदास के गुरु कौन सूरदास कौन से भक्ति सूरदास का निवास स्थान कहां है सूरदास के कौन से भाषा है सूरदास के कौन से रचनाएं हैं सूरदास के काव्य कृति कौन कौन सी है साड़ी जानकारी आला है आप इसे पढ़ सकते हैं
नाम Name | सूरदास |
जन्म Birth | 1478 ई० |
जन्म-स्थान Birth place | रुनकता ग्राम |
मृत्यु Death | 1583 ई० |
मृत्यु का स्थान Place of death | पारसौली |
पिता का नाम Fathers name | पंडित रामदास |
गुरु | आचार्य बल्लभाचार्य |
भक्ति | कृष्णभक्ति |
ब्रह्म का रूप | सगुण |
निवास स्थान | श्रीनाथ मंदिर |
भाषा | ब्रज |
काव्य कृतियां | सूरसागर, सूरसारावली, साहित्य लहरी |
साहित्य में योगदान | कृष्ण की बाल- लीलाओं तथा कृष्ण लीलाओं का मनोरम चित्रण किया है। |
रचनाएं | सूरसागर, साहित्य लहरी, सूरसारावली |
सूरदास का जीवन परिचय और निबंध
Surdas ka Jivan Parichay: सूरदास का जन्म 1478 ईस्वी में रुण कथा ग्राम में हुआ था इनके पिता का नाम पंडित रामदास था और इनके गुरु जो था वह आचार्य वल्लभाचार्य था या भक्ति कृष्ण के भक्ति करते थे और यह जो था इसका निवास स्थान जो था वह श्रीनाथ मंदिर था जहां पर वह भाषा जो बोलते थे वह ब्रजभाषा बोलते थे और इसके रचनाएं सूरसागर हत्या लहरी सुरसा रावली था
सूरदास का हिंदी साहित्य की कालावधि
Surdas Biography:
क्रमांक | काल | कालावधि |
1 | आदिकाल | 743 ईस्वी से 1343 ईस्वी तक |
2 | भक्तिकाल | 1343 ईस्वी से 1643 ईसवी तक |
3 | रीतिकाल | 1643 ईसवी से 1843 ईस्वी तक |
4 | आधुनिक काल | 1843 ईस्वी से अब तक |
सूरदास का अंधे होने की कहानी
अंधे होने की कहानी: Surdas ka Andha hone ki kahani
Story of Surdas going blind: सूरदास जो है अंधे होने की कहानी बहुत ही प्रचलित है और बहुत लोग जानना चाहते हैं कि सूरदास अंधे कैसे हो गए तो हम आपको बता दें कि राम और मोहन बहुत सुंदर और बुद्धि मन युवक थे वह हर दिन एक नदी के किनारे जाता था और वहां बैठ कर अपना गीत लिखता था और अपना कहानी लिखा था और वह कहानी गाता था 1 दिन की बात है एक नदी के किनारे एक सुंदर नवयुवक किनारे कपड़े धो रहे थे वह मोहन और राम का
ध्यान उस यू नवयुवक पर पड़ गए और वह जो कहानी लिखता था और गीत गाता था उस पर से उसका ध्यान ध्यान हट गया और वह नवयुवक पर उसका ध्यान चला गया एक दिन ऐसे 2 दिन 3 दिन चलते रहा उसके बाद एक दिन उसके पास चला गया और वह नवयुवक बोली आप दोनों क्यों आए हो नवयुवक बोले आप दोनों बहुत ही सुंदर हो और आप दोनों बहुत अच्छे कविता लिखते हो और गाते हो ऐसे ही 2 से 3 दिन चलते रहा उसके बाद 1 दिन नदी के किनारे हुआ
नवयुवक नहीं आया तो वह मंदिर एक दिन वह मंदिर में बैठे थे उसी प्रकार एक शादीशुदा स्त्री आई और वहां से वह पूजा करके घर जाने लगे तो वह राम और मोहन दोनों उसके पीछे पीछे घर तक चले गए उसके बाद घर तक पहुंच जाने के बाद उसके पति जो थे वह उसको पहले सेवा किए उसके बाद राम और मोहन को दो जली हुई सलाई के माचिस की तीली को आंख में डाल दिए और राम और मोहन जो था वह था सूरदास
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सूरदास से जुड़े (FAQ)
Q :- सूरदास का जन्म कब हुआ था
Ans :- 1478 ई०
Q :- सूरदास का मृत्यु कब हुआ था
Ans :- 1583 ई०
Q :- सूरदास का जन्म स्थान कहां है
Ans :- रुनकता ग्राम
Q :- सूरदास का मृत्यु स्थान कहां है
Ans :- पारसौली
Q :- सूरदास का भाषा क्या था
Ans :- ब्रज
Q :- सूरदास का निवास स्थान कहां है
Ans :- श्रीनाथ मंदिर
Q :- सूरदास का काव्य कृतियां क्या थी
Ans :- सूरसागर, सूरसारावली, साहित्य लहरी
Q :- सूरदास का रचनाएं कौन सा है
Ans :- सूरसागर, साहित्य लहरी, सूरसारावली
अगर आपको सूरदास के बारे में सारी जानकारी मिल गई हो और आप इस का जीवन परिचय बहुत अच्छी तरह से पढ़ लिए और आपको समझ में आ गया तो आप अपने दोस्तों के साथ इस जीवन परिचय को शेयर कर सकते हैं और आप अच्छा सा एक कमेंट भी कर सकते हैं धन्यवाद