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आचार्य रामचंद्र शुक्ल का जीवन परिचय: Aacharya Ramchandra Shukla ka jivan Parichay in Hindi

Aacharya Ramchandra Shukla ka jivan Parichay

Aacharya Ramchandra Shukla ka jivan Parichay: आचार्य रामचंद्र शुक्ल का जीवन परिचय, बायोग्राफी, जीवनी, निबंध,अनमोल विचार, राजनितिक विचार, जयंती, शिक्षा, धर्म, जाति, मृत्यु कब हुई थी,आत्मकथा (Tulsidas Biography uotes, Biography in Hindi) (Jeevan Parichay, Jayanti, Speech, History, University, Quotes, Caste, Religion)

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Aacharya Ramchandra Shukla ka jivan Parichay: इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे आचार्य रामचंद्र शुक्ल का जीवन परिचय और आपको बहुत ही आसान भाषा में बताएंगे और आप जो भी जानकारी देने के लिए आए हैं आपको सारी जानकारी इस आर्टिकल में मिल जाएगा इस आर्टिकल को आप पूरा जरूर पढ़ें Aacharya Ramchandra Shukla ka jivan Parichay

Table Of Content

आचार्य रामचंद्र शुक्ल का जीवन परिचय हिंदी में

Aacharya Ramchandra Shukla ka jivan Parichay:

नाम Nameआचार्य रामचन्द्र शुक्ल
पिता का नाम father’s nameचन्द्रबली शुक्ल
जन्म-स्थान birth placeअगोना (बस्ती – उ.प्र.)
जन्म Birthसन् 1884 ई.
मृत्यु deathसन् 1941 ई.
प्रमुख रचनाएँ major worksरसमीमांसा, चिंतामणि, विचारवीथी, त्रिवेणी, मित्रता
उपलब्धि achievementनिबन्धकार, अनुवादक, आलोचक, सम्पादक
जन्म काल birth timeरीति काल

आचार्य रामचंद्र शुक्ल का जीवन परिचय: Aacharya Ramchandra Shukla ka jivan Parichay

आचार्य रामचंद्र शुक्ल का जीवन परिचय हिंदी भाषा के संबंध साहित्यकार आचार्य रामचंद्र शुक्ल का जन्म उत्तर प्रदेश के वर्षा जिले के अगोना नामक गांव में सन् 1884 ई. में हुआ था इसके पिता का नाम आचार्य रामचन्द्र शुक्ल सरकारी कर्मचारी थे हाई स्कूल की परीक्षा मिर्जापुर से उत्तीर्ण करने के बाद इसका शिक्षा कर्म टूट गया मिर्जापुर के मिशन स्कूल में चित्रकला अध्यापक पद पर कार्य रहे काशी हिंदू विश्वविद्यालय में हिंदी विषय का अध्यापन कार्य किया मृत्यु death सन् 1941 ई. में साहित्य का साधक परलोकवर्षा हो गया

आचार्य रामचंद्र शुक्ल का जीवन परिचय अपनी भाषा में

अचार रामचंद्र शुक्ल का जीवन परिचय अपनी भाषा में इन्हें रामचंद्र नाम से भी जाने जाते हैं इनके पिता का नाम चंद्रबली शुल्क है और इसका जन्म सन् 1884 ई. में अगोना (बस्ती – उ.प्र.) उत्तर प्रदेश में हुआ था और यह रीतिकाल के कवि हैं इसके प्रमुख रचनाएं रसमीमांसा, चिंतामणि, विचारवीथी, त्रिवेणी, मित्रता और इनकी मृत्यु 1941 में हुई

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आचार्य रामचंद्र शुक्ल का साहित्यिक परिचय

acharya Ramchandra Shukla ka jivan Parichay: आचार्य रामचंद्र शुक्ल का साहित्य परिचय श्री रामचंद्र शुक्ल जी उच्च कोटि के निबंधकार एवं समालोचक के रूप में सुमित याद है इन्होंने हिंदी भाषा एवं साहित्य के क्षेत्र में अनेक का समावेश करके युगांतर उपस्थित किया बनारस में इन्होंने हिंदी शब्द सागर का संपादन किया हिंदी साहित्य में इनके सहयोग एवं संपन्न के लिए ही इन्हें समकालीन समय को शुक्ल युग के नाम से जाने जाते हैं जो कि यह कभी बहुत अच्छे जी नाम से जाने जाते हैं

आचार्य रामचंद्र शुक्ल का कृतियां

इतिहासहिंदी साहित्य का इतिहास
आलोचनारस मीमांसा, सूरदास, त्रिवेणी
निबंधविचारवीथी, चिंतामणि, मित्रता
संपादननगरी प्रचारिणी पत्रिका, हिंदी शब्द सागर, भ्रमरगीत, जैसी ग्रंथवर्ली, तुलसी ग्रंथ वर्ली

आचार्य रामचंद्र शुक्ल का भाषा शैली

Aacharya Ramchandra Shukla ka jivan Parichay: इनकी भाषा संस्कृत तत्सम शब्दों से युक्त युद्ध साहिब खड़ी बोली है उनकी शैली विवेचनात्मक एवं आलोचनात्मक है

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आचार्य रामचंद्र शुक्ल से (FAQ) जुड़े हिंदी में

Q :-आचार्य रामचंद्र शुक्ल का जन्म कब हुआ

Ans :-आचार्य रामचंद्र शुक्ल का जन्म 1884 ईस्वी में हुआ था

Q :-आचार्य रामचंद्र शुक्ल के पिता का क्या नाम था

Ans :-चन्द्रबली शुक्ल

Q :-आचार्य रामचंद्र शुक्ल की उपलब्धिया

Ans :-निबन्धकार, अनुवादक, आलोचक, सम्पादक

Q :-आचार्य रामचंद्र शुक्ल के प्रमुख रचनाएं कौन कौन सी है

Ans :-रसमीमांसा, चिंतामणि, विचारवीथी, त्रिवेणी, मित्रता

Q :-अचार्य रामचंद्र शुक्ल किस काल के कवि थे

Ans :-रीति काल

Q :-आचार्य रामचंद्र शुक्ल की मृत्यु कब हुई थी

Ans :-सन् 1941 ई.

किस आर्टिकल में आपको आचार्य रामचंद्र शुक्ल का जीवन परिचय बहुत अच्छी तरह से समझ में आ गया होगा और आप जो भी जानकारी लेने के लिए आए होंगे सभी जानकारी आपको मिल गया होगा अगर आपको यह आर्टिकल पसंद आए तो आप अपने दोस्तों के साथ शेयर कर सकते हैं धन्यवाद

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